प्रतीक्षा

 ज्योत्सना को साथ लिए चाँद ने आकाश में अपने पंख पसार दिए।शुभ्र धवल चाँदनी आसमान से छन छन कर टपक रही थी। रात की रानी ने श्वेत पुष्पों का श्रृंगार कर लिया।दूर कहीं बैठे चकोर के अधरों पर एक मधुर स्मित फैल गई। प्रतीक्षा के क्षण समाप्त हो गये थे।

किसने दिल में किया किया शोर

अरे कौन बना मेरा चितचोर

किसने दिल का अँगना गुँजार किया 

किसने मुझे इतना प्यार दिया

बगिया का वो दिलकश गुलाब

बहकी बहकी आँखों का ख्वाब 

अम्बर की वो श्वेत चाँदनी 

मेरे दिल की शान्त रागिनी 

अब बतला दूँ मैं वो कौन

जिसने छीना मेरा चैन

जिसकी यादों में मैं गुम

वो हो तुम, प्रिय मेरे तुम





 

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